OSho

 ~ ध्यान सबसे बड़ी कुंजी हैं।

~ दुख एक संकेत है कि आप संघर्ष में हैं।

~ कल कभी नहीं आता हमेशा आज ही रहता है।

~ रचनात्मकता अस्तित्व में सबसे बड़ा विद्रोह है।

~ जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।

~ मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं। बुद्धिमान खुद पर हँसते हैं।

ओशो के जीवन और विचारों पर विवाद हैं। वे एक विवेकानंद और जिन्ना जैसे विचारकों की तरह अपने अनोखे विचारों के लिए जाने जाते हैं। ओशो का जन्म 11 दिसंबर 1931 को मध्य प्रदेश के कुचवाड़ा में हुआ था। उनके परिवार में वे चंदर मोहन जैन के नाम से जाने जाते थे।

ओशो ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें संबंध, बुद्धिमता, आध्यात्मिकता, धर्म और समाज शामिल थे। उन्होंने कई पुस्तकों की रचना की जिनमें वे अपने विचारों को समझाते हुए थे। वे भारत और अमेरिका में भी कई विशाल सम्मेलनों में शामिल हुए थे और अपने भाषणों के माध्यम से लोगों को अपने विचारों के बारे में समझाते थे।

ओशो के विचारों पर विवाद उत्पन्न होता है क्योंकि वे कुछ अलग तरीके से सोचते थे और उनके विचार बहुत उत्तेजक होते थे। वे समाज के कुछ तंत्रों पर आरोप लगाते थे जैसे कि धर्म, जाति और संवेदनशीलता जैसे मुद्दों पर। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर भी अनेक विवादों का सामना करना पड़ा।

उनके विचारों का एक अहम हिस्सा था उनकी स्वतंत्रता और विचारों के विविधता का समर्थन। वे सोचते थे कि हर व्यक्ति के अपने विचार होते हैं और हर व्यक्ति को अपने विचारों का समर्थन करने का हक होता है। इसलिए वे आध्यात्मिक और सामाजिक मुद्दों पर खुले विचारों के समर्थक बने और उनके समर्थन में आगे बढ़े।

ओशो के विचारों पर विवाद होने के बावजूद, उन्होंने अपनी सोच के लिए विश्वभर में लाखों लोगों को प्रभावित किया। उनकी पुस्तकें और भाषण लोगों में सबल विचारों का विकास करने में मदद करते हुए, सामान्य जीवन के मुद्दों के लिए आधार बने।

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