श्लोक

तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।  बलवानप्यशक्तोऽसौ धनवानपि निर्धनः |श्रुतवानपि मूर्खोऽसौ यो धर्मविमुखो जनः ||  जो व्यक्ति धर्म ( कर्तव्य ) से विमुख होता है वह ( व्यक्ति ) बलवान् … Read more

Who has never made a mistake

——————————————————————————————————“Anyone who has never made a mistake has never tried anything new”“Imagination is more important than knowledge”                                     ——- Einstein————————————————————————————————— “जिसने कभी गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की | कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है|”  ——- आइंस्टाइन ज्ञान शक्ति है, लेकिन इसके विपरीत सत्य नहीं है। Published on Famous Motivational … Read more

अपनी कमजोरी में अपना बल छुपा है

बहुत समय पहले की बात है , किसी गाँव में एक किसान रहता था . वह रोज़ भोर में उठकर दूर झरनों से स्वच्छ पानी लेने जाया करता था_. *इस काम के लिए वह अपने साथ दो बड़े घड़े ले जाता था , जिन्हें वो डंडे में बाँध कर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका … Read more

आभूषणों का क्या प्रयोजन

हस्तस्य भूषणं दानं सत्यं कण्ठस्य भूषणम् । कर्णस्य भूषणं शास्त्रं भूषणै: किं प्रयोजनम् ॥ हाथ का आभूषण दान करना है, कण्ठ का आभूषण सच्चाई है, कान का आभूषण शास्त्र सुनना है तो (बाह्य)  आभूषणों का क्या प्रयोजन । Published on Famous Motivational Tales To read more visit us .

Value of time

आयुष: क्षणमेकोऽपि, न लभ्य: स्वर्णकोटिकै: ।  स चेन्निरर्थकं नीत:, का नु हानिस्ततोऽधिका: ॥ आयु का एक क्षण भी करोडों स्वर्ण मुद्राएँ देकर भी प्राप्त नहीं किया जा सकता । अत: वही यदि व्यर्थ बिता दिया गया तो उससे अधिक हानि और क्या होगी ॥ Even a moment of age can not be obtained by giving … Read more

शब्दों के दास न बनें

एक बार एक बूढ़े आदमी ने अफवाह फैलाई कि उसके पड़ोस में रहने वाला नौजवान चोर है l यह बात दूर – दूर तक फैल गई आस – पास के लोग उस नौजवान से बचने लगे l नौजवान परेशान हो गया कोई उस पर विश्वास ही नहीं करता था l तभी गाँव में चोरी की एक वारदात हुई और … Read more

जब जब ये सावन आया है। अँखियाँ छम छम सी बरस गई।

जब जब ये सावन आया है।अँखियाँ छम छम सी बरस गई। तेरी यादों की बदली से।मेरी ऋतुएँ भी थम सी गई । घनघोर घटा सी याद तेरी ।जो छाते ही अकुला सी गई । पपिहे सा व्याकुल मन मेरा।और बंजर धरती सी आस मेरी। कोई और ही हैं…जो मदमाते हैं।सावन में ‘रस’ से,भर जाते हैं … Read more

महाभारत की संक्षिप्त कथा

महाभारत प्राचीन भारत का सबसे बड़ा महाकाव्य है। ये एक धार्मिक ग्रन्थ भी है। इसमें उस समय का इतिहास लगभग १,११,००० श्लोकों में लिखा हुआ है। इस की पूर्ण कथा का संक्षेप इस प्रकार से है। 1 चन्द्रवंश से कुरुवंश तक की उत्पत्ति 2 पाण्डु का राज्य अभिषेक 3 कर्ण का जन्म, लाक्षाग्रह षड्यंत्र तथा … Read more

हर एक चीज में एक खूबसूरती, एक अच्छाई होती है, लेकिन हर कोई उसे नहीं देख पाता

कमी निकालना , निंदा करना , बुराई करना आसान है, लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता है। बहुत समय पहले की बात है।एक बार एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित किसी गाँव में अपने शिष्यों के साथ स्नान कर रहे थे।तभी एक राहगीर आया और उनसे पूछा, “महाराज, इस गाँव में कैसे … Read more