World Day to Combat Desertification and Drought

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस: हमारी धरती, हमारी जिम्मेदारी
प्रत्येक वर्ष 17 जून को मनाया जाता है




भूमिका

हर साल 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस (World Day to Combat Desertification and Drought) मनाया जाता है। यह दिन न केवल पर्यावरणीय संकट के प्रति चेतना बढ़ाने का कार्य करता है, बल्कि यह हमें हमारी जिम्मेदारी भी याद दिलाता है—भूमि और जल जैसे संसाधनों की रक्षा करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करना।




इस दिवस का महत्व

मरुस्थलीकरण केवल रेत के फैलाव की बात नहीं है। यह उस धीमी और अक्सर अदृश्य प्रक्रिया को दर्शाता है जिसमें उपजाऊ भूमि बंजर हो जाती है। यह खाद्य सुरक्षा, आजीविका, जैव विविधता और जलवायु स्थिरता को प्रभावित करता है।

सूखे की आवृत्ति और तीव्रता जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती जा रही है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव गरीब और कृषि-आधारित समुदायों पर पड़ता है, जिनके पास अनुकूलन के सीमित साधन होते हैं।




2025 की थीम: “भविष्य की भूमि में निवेश”

संयुक्त राष्ट्र की थीम के अनुसार इस वर्ष का संदेश है कि स्थायी भूमि प्रबंधन और पुनर्स्थापन में निवेश करना आवश्यक है ताकि हम अपने पर्यावरणीय संकटों से निपट सकें। यह हमें यह भी बताता है कि भूमि क्षरण एक वैश्विक चुनौती है, लेकिन इसका हल स्थानीय स्तर पर सामुदायिक भागीदारी और नीति-निर्माण में सहयोग के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।




समाधान की दिशा में कदम

1. स्थायी कृषि तकनीकों को अपनाना

जैविक खाद, ड्रिप सिंचाई और फसल चक्र जैसे उपायों से मिट्टी की उर्वरता बनाए रखी जा सकती है।



2. वनरोपण और हरा कवर बढ़ाना

पेड़ केवल छाया और लकड़ी नहीं देते, वे मिट्टी की पकड़ मजबूत करते हैं और जल संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं।



3. जल संचयन और जल संरक्षण

वर्षा जल संचयन, तालाबों का पुनर्जीवन, और पारंपरिक जल स्रोतों की मरम्मत महत्वपूर्ण उपाय हैं।



4. जनजागरूकता और शिक्षा

स्थानीय समुदायों को शिक्षित करना और उन्हें भागीदार बनाना स्थायी परिवर्तन की कुंजी है।







सामूहिक जिम्मेदारी

इस दिवस की भावना केवल सरकारी या वैश्विक संगठनों की नहीं, बल्कि हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। यदि हम सभी व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर भूमि एवं जल संरक्षण के प्रति सजग हो जाएं, तो हम मरुस्थलीकरण और सूखे की चुनौती का प्रभावी समाधान निकाल सकते हैं।




निष्कर्ष

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस हमें यह सिखाता है कि भूमि केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। आइए इस दिन हम यह संकल्प लें कि हम “भविष्य की भूमि में निवेश” करेंगे—अपनी धरती को बचाने और संवारने के लिए। यह केवल पर्यावरणीय कार्य नहीं, बल्कि मानवीय उत्तरदायित्व है।




🌱 “धरती हमारी है, बचाना भी हमारा कर्तव्य है।”