अंतर्राष्ट्रीय एम.एस.एम.ई. दिवस: सतत विकास और आर्थिक रीढ़ की सराहना
प्रतिवर्ष 27 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस (International Day of Micro, Small & Medium-sized Enterprises – MSME Day) मनाया जाता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र ने अप्रैल 2017 में अपने प्रस्ताव के माध्यम से मान्यता दी थी, ताकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के योगदान को सराहा जा सके और इनके विकास व समर्थन के लिए वैश्विक बातचीत को प्रोत्साहित किया जा सके।
एम.एस.एम.ई. का महत्व
MSMEs दुनिया भर में आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन और सामाजिक समावेशन की रीढ़ हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इन उद्यमों का वैश्विक व्यापार में 90% से अधिक हिस्सेदारी है, जो 60-70% रोज़गार और लगभग 50% वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान करते हैं।
भारत में भी MSMEs का विशेष महत्व है। यहाँ 6.3 से 6.5 करोड़ से अधिक पंजीकृत MSMEs हैं, जो 30-31% GDP, 45% निर्यात और देश की कुल रोज़गार का एक बड़ा हिस्सा (28 करोड़ से अधिक लोगों को रोज़गार) प्रदान करते हैं। ये उद्यम ग्रामीण अर्थव्यवस्था से भी गहरे जुड़े हैं और देश के समावेशी विकास में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
थीम और उद्देश्य
2025 में MSME Day की थीम है: “सतत विकास और नवाचार के चालक के रूप में MSMEs की भूमिका को बढ़ाना” (Enhancing the role of MSMEs as drivers of Sustainable Growth and Innovation)। इसका उद्देश्य MSMEs को नई तकनीक, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, वित्तीय समावेशन और पॉलिसी सपोर्ट के माध्यम से सशक्त बनाना है, ताकि वे बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था में न केवल जीवित रहें बल्कि आगे बढ़ें।
सरकारी पहल और समर्थन
भारत सरकार ने भी MSMEs को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे:
- क्रेडिट गारंटी योजना: संपार्श्विक मुक्त ऋण की सुविधा।
- सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSE-CDP): उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि।
- क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम (CLCS-TUS): प्रौद्योगिकी उन्नयन में सहायता।
- CHAMPIONS पोर्टल: शिकायत निवारण और समर्थन।
- उद्यम पंजीकरण पोर्टल: MSMEs की संख्या और डेटा एकत्र करने में मदद।
MSMEs और सतत विकास लक्ष्य (SDGs)
MSMEs संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनकी सहायता से गरीबी उन्मूलन, रोज़गार सृजन, समावेशी विकास और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव है।
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय एम.एस.एम.ई. दिवस एक ऐसा दिन है जब हम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की भूमिका और उनके योगदान को सराहते हैं। यह दिवस इस बात की याद दिलाता है कि आर्थिक विकास, रोज़गार और समावेशी समाज के निर्माण में MSMEs की भूमिका अतुलनीय है। आने वाले समय में इन उद्यमों को तकनीक, वित्त और पॉलिसी सपोर्ट के माध्यम से और अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता है, ताकि वे देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देते रहें।