प्रशंसा से बहका मनुष्य

एक मूर्तिकार बढ़िया-बढ़िया मुर्तिया बनाता था। किसी ज्योतिष ने उसे बताया की तुम्हारी जिन्दगी थोड़ी सी हैं केवल महीने भर की आयु बाकी हैं, मूर्तिकार चिंतित हुआ वह चिंता में डूब गया उसने एक संत ये यहाँ दस्तक दी, संत के चरणों में खूब रोया और मृत्यु से बचा लेने की प्रार्थना की। संत ने … Read more