जीवन में चुनौतियों से लड़ना बहुत जरूरी है

 जीवन में चुनौतियों से लड़ना बहुत जरूरी है क्योंकि यह हमारी व्यक्तिगत विकास और सफलता के लिए आवश्यक होता है। जिंदगी के संघर्ष से हम नई चुनौतियों से निपटने की क्षमता प्राप्त करते हैं और उन्हें सफलता के रूप में परिणाम देते हैं। चुनौतियों से लड़ने से हमें अपनी नैतिक मूल्यों को बढ़ावा मिलता है … Read more

संघर्ष ही जीवन है

“संघर्ष ही जीवन है” एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज रहता था !कभी बाढ़ आ जाये,कभी सूखा पड़ जाए,कभी धूप बहुत तेज हो जाए,तो कभी ओले पड़ जाये!हर बार कुछ न कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाया करती थी ! एक  दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा –देखिये प्रभु, … Read more

Everything is at its Acme

 Everything is at its Acme Primarily the skill of navigating society successfully. The modern requirements for producing a wise man are higher than those for producing the Seven Sages, and the modern requirements for dealing with an individual are higher than those for dealing with an entire population. A more specific definition of this skill … Read more

चूहे और शेर की दोस्ती

एक बार राजस्थान के रणथंभौर के जंगल में एक शेर गहरी नींद सो गया। उसके पास कुछ चूहे लुका-छिपी खेल रहे थे। एक चूहा शेर के पंजे के नीचे फंस गया। शेर उठा, जोर से हँसा और चूहे को जाने दिया!कुछ दिनों बाद चूहे ने शेर की दहाड़ सुनी। उसने देखा कि शेर बहुत दर्द … Read more

तलाश

  What we are seeking so frantically elsewhere may turn out to be the horse we have been riding all along. Harvey Cox हम जिस चीज़ की तलाश कहीं और कर रहे होते हैं वह हो सकता है कि हमारे पास ही हो। हारवी कॉक्स It’s possible that what we are searching for so desperately … Read more

Starting point of all achievement

  The starting point of all achievement is DESIRE. -Napoleon Hill   “The starting point of all achievement is DESIRE. Keep this constantly in mind. Weak desire brings weak results, just as a small fire makes a small amount of heat.”   सभी उपलब्धि का प्रारंभिक बिंदु इच्छा है। इसे लगातार ध्यान में रखें। कमजोर … Read more

प्रेरक प्रसंग

  प्रेरक प्रसंग   ईर्ष्यी घृणी न संतुष्टः क्रोधनो नित्याशङ्कितः।परभाग्योपजीवी च षडेते नित्यदुः खिताः।। ईर्ष्या करने वाला , घृणा करने वाला , असंतोषी , क्रोधी , सदा संकित रहने वाला और दूसरों के भाग्य पर जीवन-निर्वाह करने वाला – ये छः सदा दुखी रहते हैं। अष्टौ गुणाः पुरुषं दीपयन्तिप्रज्ञा च कौल्यं च दमः श्रुतं च।पराक्रमश्चाबहुभाषिता … Read more

श्लोक

तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।  बलवानप्यशक्तोऽसौ धनवानपि निर्धनः |श्रुतवानपि मूर्खोऽसौ यो धर्मविमुखो जनः ||  जो व्यक्ति धर्म ( कर्तव्य ) से विमुख होता है वह ( व्यक्ति ) बलवान् … Read more

अपनी कमजोरी में अपना बल छुपा है

बहुत समय पहले की बात है , किसी गाँव में एक किसान रहता था . वह रोज़ भोर में उठकर दूर झरनों से स्वच्छ पानी लेने जाया करता था_. *इस काम के लिए वह अपने साथ दो बड़े घड़े ले जाता था , जिन्हें वो डंडे में बाँध कर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका … Read more